संबंधबोधक परिभाषा (Preposition in hindi):-

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Adverb in Hindi: क्रिया विशेषण – परिभाषा, भेद, कार्य, उदाहरण
Tense in Hindi काल किसे कहते हैं?
जो अव्यय संज्ञा के बाद आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्द के साथ बतलाता है, उसे ‘सम्बन्धबोधक’ कहते हैं, जैसे- वह दिनभर रोता रहा; दवा के बिना रोगी मर गया। पहले वाक्य में ‘भर’ शब्द दिन का सम्बन्ध रोना से और दूसरे वाक्य में ‘बिना’ शब्द दवा का सम्बन्ध मरना से बतलाता है।
संबंधबोधक के कितने भेद हैं?
इन तीन आधारों पर सम्बन्धबोधक अव्यय के भेद किये गये हैं।
१. प्रयोग
२. अर्थ
३. व्युत्पत्ति
१. प्रयोग:- प्रयोग के अनुसार इसके दो भेद है:-
(क) सम्बद्ध
(ख) अनुबद्ध
(क) सम्बद्ध :- सम्बद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय संज्ञाओं की विभक्तियों के बाद आते हैं; जैसे- भोजन से पहले घर के बिना यहाँ ‘पहले’ और ‘बिना’ सम्बद्ध सम्बन्धबोधक है, क्योंकि ये ‘भोजन’ तथा ‘घर’ शब्द की विभक्ति (क्रमशः) ‘से’ और ‘के’ के बाद आये हैं।
(ख) अनुबद्ध :- अनुबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय संज्ञा के विकृत रूप के बाद है जैसे बच्चों सहित वर्षों तक कभर यहाँ ‘सहित’, ‘तक’ तथा ‘भ अनुद्धसम्बन्ध है, क्योंकि इसके पहले आये शब्द बच्चों तथा ‘कटोरे क्रमश: ‘बच्चा’, ‘वर्ष’ तथा ‘कटोरा’ शब्द के विकृत रूप है।
२.अर्थ:- अर्थ के अनुसार सम्बन्धबोधक अव्यय के अनेक प्रकार हो सकते:-
(1) कालवाचक:- आगे पीछे पहले, बाद आदि।
(2) स्थानवाचक:- नगदी, समीप, भीतर आदि।
(3) सादृश्यवाचक:- समान, तरह, तुल्य आदि ।
(4) तुलनावाचक:- अपेक्षा, बनिस्बत आदि ।
(5) उद्देश्यवाचक:- लिए, वास्ते, हेतु, निमित्त आदि।
(6) व्यतिरेकवाचक:- रहित,अतिरिक्त, शिवाय, बगैर, शिवा, बिना, अलावा आदि।
(7) कारणवाचक:- के कारण परेशानी से, के मारे, आदि ।
(8) विरोधवाचक:- विपरीत, विरुद्ध,विरोध आदि।
(9) साधनवाचक:- जरिए, द्वारा, माध्यम, सहारे, मार्फत आदि।
(10) तुलनावाचक:- अपेक्षा, समक्ष, समान, के सामने आदि।
(11) उद्देश्यवाचक:- लिए, निमित्त, हेतु, वास्ते आदि।
(12) साहचर्यवाचक:- समेत, साथ, संग, सहित आदि।
(13) संग्रहवाचक:- मात्र, लगभग, केवल, तक, अंतर्गत, भर आदि ।
(14) विषयवाचक:- संबंध, विनय, भरोसे, आश्रय आदि
३. व्युत्पत्ति:- व्युत्पत्ति के अनुसार सम्बन्धबोधक अव्यय के दो भेद है:-
(क) मूल
(ख) यौगिक
(क) मूल:- मूल सम्बन्धबोधक अव्यय- बिना पर्यन्त आदि।
(ख) यौगिक:- यौगिक सम्बन्धबोधक अव्यय- ये दूसरे शब्दों से बने होते हैं। जैसे वास्ते तुल्य पीछे आदि।

संबंधबोधक अव्यय उदाहरण in Hindi तथा कार्य:-
१. सम्बन्धबोधक किसी के बाद आकर उसका सम्बन्ध उस वाक्य के दूसरे शब्द के साथ बतलाता है, जैसे- रामू रातभर रोता रहा। यहाँ ‘भर’ सम्बन्धबोधक रात का सम्बन्ध रोना से बतला रहा है।
२. सम्बन्धबोधक काल, स्थान, साम्य तथा तुलना का बोध कराता है,जैसे:-
वह मेरे बाद कक्षा में आया।
उसका मुँह चाँद के समान है।
वह मेरे घर के निकट रहता है।
तुम मेरी अपेक्षा चतुर हो।
यहाँ ‘बाद’, ‘समान’, ‘निकट’ और ‘अपेक्षा सम्बन्धबोधक क्रमशः काल, साम्य स्थान और तुलना का बोध कराते हैं।
अव्यय किसे कहते हैं?
अव्यय परिभाषा:- जिस शब्दरूप में किसी कारण भी कोई विकार नहीं पैदा होता, उसे अव्यय कहते हैं, जैसे- अभी, जब तब आदि ।
अव्यय के कितने भेद हैं?
अव्यय के चार गेंद हैं:-
१. क्रियाविशेषण
२. सम्बन्धबोधक
३. समुच्चयबोधक
४. विस्मयादिबोधक
संबंधबोधक किसे कहते हैं?
जो अव्यय संज्ञा के बाद आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्द के साथ बतलाता है, उसे ‘सम्बन्धबोधक’ कहते हैं, जैसे- वह दिनभर रोता रहा; दवा के बिना रोगी मर गया। पहले वाक्य में ‘भर’ शब्द दिन का सम्बन्ध रोना से और दूसरे वाक्य में ‘बिना’ शब्द दवा का सम्बन्ध मरना से बतलाता है।
संबंधबोधक के कितने भेद हैं?
इन तीन आधारों पर सम्बन्धबोधक अव्यय के भेद किये गये हैं।
१. प्रयोग
२. अर्थ
३. व्युत्पत्ति
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