Best 7+ List फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय – Lungs in Hindi

फेफड़े तथा फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय lungs ko swasth rakhne ke upay निम्न प्रकर है:-

नमस्कार साथिओं, जो भी श्वास हम नाक से लेते हैं, वह श्वास नली के द्वारा हमारे फेफड़ों में पहुंचता है। हमारी छाती में दो फेफड़े हैं, जो स्पंज की तरह होते हैं। इनके छिद्रों में हृदय से आकर रक्त भरता है। ऑक्सीजन रक्त के दूषित तत्वों को । गलाती है, रक्त को शुद्ध करती है और विकार को कार्बन डाइऑक्साइड गैस के रूप में प्रश्वास द्वारा नाक के रास्ते से बाहर कर देती है।

हमारे शरीर में सेलों के टूटने-फूटने और तरह-तरह की रासायनिक क्रियाओं के परिणामस्वरूप कार्बन बनती है।जिस रक्त में इसकी मात्रा अधिक होती है, उसका रंग स्याह होता है। यह दूषित रक्त शरीर के सभी भागों से इकट्ठा होकर दो महाशिराओं द्वारा हृदय के दाएं ग्राहक कोष्ठ में पहुंचता है। हृदय से फुफ्फुस धमनी द्वारा रक्त दोनों फेफड़ों में जाता है।

फेफड़ों में रक्त ऑक्सीजन ग्रहण करता है और कार्बन को जलाकर कार्बन डाइऑक्साइड गैस के रूप में शरीर से बाहर कर देता है। फेफड़ों से हृदय के बाएं ग्राहक कोष्ठ में जो रक्त आता है, वह शुद्ध होता है। श्वास-प्रश्वास यंत्र को 24 घंटे काम करना पड़ता है इसलिए उसे स्वस्थ रखना तथा नाक को खुला रखना बहुत आवश्यक है। सामान्य व्यक्ति एक मिनट में 14-18 बार श्वास लेता है। शारीरिक व्यायाम, श्रम, भागने-दौड़ने से श्वास की गति तेज हो जाती है। दिन में रात की अपेक्षा श्वास जल्दी आते हैं। रोगों में भी श्वास की गति बढ़ जाती है।

हमारी पाचन क्रिया से भी इसका गहरा संबंध है। पचाए हुए भोजन से बने ग्लूकोज तथा रक्त की ऑक्सीजन से जब तक पक्वीकरण (Metabolism) प्रक्रिया न हो जाए, तब तक वह शरीर को शक्ति नहीं देता इसलिए इस पर हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय lungs ko swasth rakhne ke upay:-

नासिका में दो छिद्र हैं-ईड़ा नाड़ी, पिंगला नाड़ी। इन दोनों को खुला रखना आवश्यक है, नहीं तो रोग हो सकते हैं। आयुर्वेद में तो रोगों का कारण ही वात, पित्त, कफ को माना जाता है।

1. नासिका को खुला रखने के लिए स्वस्थ तथा रोगी व्यक्ति, दोनों को जलनेति का अभ्यास प्रतिदिन करना चाहिए। जल नेति का अभ्यास अच्छी तरह हो जाने के बाद रबर या सूत्रनेति का अभ्यास कर नाक को पूरी तरह खुला रखें, ताकि पूरी ऑक्सीजन फेफड़ों को मिले।जलनेति तथा सूत्र नेति करने की विधि शुद्धि क्रियाओं वाले अध्याय में बताई गई है।

2. फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए lungs ko swasth rakhne ke upay लंबे गहरे श्वास लेने की आदत डालें। इसके लिए सुबह खुले पार्क में जाकर अभ्यास करें। मुख बंद कर हल्की दौड़ लगाएं, व्यायाम-योगासन करें, भस्त्रिका प्राणायाम करें, जिससे फेफड़े तथा नाक पूरी तरह खुल जाएं।

3. फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए lungs ko swasth rakhne ke upay रात को उस स्थान पर सोएं, जहां ताजा खुली हवा आती हो। सोते समय श्वास नासिका से ही लेने चाहिए।मुख को चादर या कंबल से ढककर न सोएं। उसे केवल गर्दन तक ही रखें।

4. यदि नजला-जुकाम रहता हो और नाक बंद रहती हो, तो सफेदे (Eucaliprus Leaves) के पेड़ के 7-8 पत्ते पानी में उबाल कर उसकी भाप 5-7 मिनट तक नाक से लें भाप को नाक से खींचे और मुख से श्वास द्वारा बाहर निकालें । इससे आपको नाक खुलेगी।

5.फेफड़ों को स्वस्थ रखने lungs ko swasth rakhne ke upay के लिए अपने भोजन में कफ बनाने वाली वस्तुओं जैसे, मैदा, तली हुई चीजें, अरबी, भिंडी, डिब्बा-बंद खाद्य पदार्थ, चटनियां आदि का प्रयोग बंद कर दें।

6. फेफड़ों को स्वस्थ रखने lungs ko swasth rakhne ke upay के लिए हाथों की कटोरी बनाकर पूरी छाती तथा पीठ पर 5-7 मिनट थपकी देने और थपथपाने से फेफड़ों को बहुत लाभ होता है। यह क्रिया छाती में विकार जमा नहीं होने देती।

फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय |lungs ko swasth rakhne ke upay
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय

7. गर्म पांवों का 15-20 मिनट स्नान भी छाती को साफ करता है। सर्दियों में तेल मालिश कर, हल्के गर्म पानी से स्नान करें। श्वास-प्रश्वास यंत्र को खुला रखने के लिए अदरक, काली मिर्च, इलायची, तुलसी के पत्तों (Herbal Tea) की चाय अत्यधिक उपयोगी होती है।

अक्सर शरीर में वायु एवं कफ का वेग बढ़ जाता है, तो बलगम अधिक हो जाता है। इसके फेफड़ों में इकट्ठा हो जाने से सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, खांसी का बना रहना इत्यादि समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इनसे बचने के लिए वात नाशक औषधि जैसे ‘महारास्नादि काढ़ा’, लहसुन एवं अदरक इत्यादि के अधिक प्रयोग, जीरा व अजवाइन का चूर्ण या बना हुआ ‘हिंग्वाष्टक चूर्ण’ खाने के बाद एक चम्मच च्यवनप्राश एवं ‘वासारिष्ट’ सुबह-शाम पीना चाहिए।