Best 20+ हृदय रोग के कारण-Heart Disease Causes in Hindi

हृदय रोग होने के कारण Heart Disease Causes निम्नलिखित है :-

गलत खानपान:- तले हुए भोजन तथा मांस, मछली आदि गरिष्ठ भोजन का अधिक सेवन करने से खून में अम्ल तत्व बढ़ते हैं और वह दूषित हो जाता है। यही दूषित रक्त थक्कों के रूप में जमने लगता है। इससे हृदय रोग Heart Disease व अन्य कई प्रकार के रोग हो जाते हैं।

व्यायाम न करना:- रात को देर से सोने और सुबह देर से उठने के कारण जो व्यक्ति व्यायाम तथा सैर नहीं कर पाते, उनका शरीर पूरी तरह नहीं खुलता। विकार शरीर में ही रुकने तथा जमने लगते हैं। आलस व सुस्ती शरीर को घेर लेती है और भूख नहीं लगती व पाचन ठीक नहीं होता।वसा शरीर में जमने लगती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है, जबकि नियमित व्यायाम करने से रक्त-संचार तेज होता है। विकार शरीर में नहीं रुकते और भूख भी खुलकर लगती है।

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मानसिक तनाव:- मानसिक तनाव से मस्तिष्क तथा नाड़ी संस्थान के कार्यों में बाधा पड़ती है। पाचन खराब हो जाता है। वायु, गैस, अनिद्रा और कब्ज की शिकायत रहती है। शरीर शिथिल नहीं हो पाता, जिसका प्रभाव हृदय पर पड़ता है।

हृदय रोग होने के कारण Heart Disease Causes in the video:-

औषधियों का अधिक सेवन से:- आए दिन शरीर को कोई न कोई बीमारी मेरे रहती ह, जिसके लिए हमें कई प्रकार की दवाइयां लेनी पड़ती है, मगर इन दवाइयों का अधिक सेवन स्नायुमंडल को दुर्बल बनाता है। इससे हृदय को शरीर में रक्त पहुंचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। परिणाम हृदय की गति तेज हो जाती है, मानसिक तनाव बना रहता है तथा उच्च रक्तचाप की शिकायत हो जाती है।

नशीले पदार्थों का सेवन से:- शराब, सिगरेट तथा अन्य नशीले पदार्थों से मस्तिष्क एवं स्नायुमंडल बहुत दुर्बल हो जाता है, जिसकी वजह से व्यक्ति नशीले पदार्थों का गुलाम जाता है और उसे अधिक तथा ऊटपटांग खाने की इच्छा होती है। शरीर के संचालन तथा नियंत्रण में बाधा आती है और वह रोग ग्रस्त हो जाता है

मोटापा:- मोटापे के कारण शरीर में अनेक रोग हो जाते हैं चर्बीयुक्त मांस और गरिष्ठ भोजन करने से मोटापा बढ़ता है। मोटापे के कारण रक्त-नलिकाओं और मांसपेशियों में वसा जमा होने लगती है। इससे धमनियों और शिराओं का मार्ग अवरुद्ध होने लगता है और हृदय रोग Heart Disease ग्रस्त हो जाता है।

आरामपसंद जीवन:- इस रोग को अमीरों का रोग कहा जाता है। आरामपरस्ती उन्हें सुख दे पाए या नहीं, रोग तो दे ही देती है। परिश्रम के अभाव में रक्त में हरकत नहीं हो पाती। ऐसे में हृदय को रक्त पहुंचाने वाली कारोनरी धमनियों के अवरुद्ध होने की संभावना बढ़ जाती है और अचानक दिल का दौरा पड़ जाता है।

फेफड़े, गुर्दे तथा त्वचा काठीक से काम करना:- ये तीनों अंग रक्त को शुद्ध करते हैं। यदि ये ठीक से काम न करें, तो हृदय रोग हो जाता है। चाय-कॉफी अधिक पीने से प्यास मर जाती है। फलत: पानी कम पिया जाता है, जिससे गुर्दे रक्त को पूरी तरह शुद्ध नहीं कर पाते। इसी तरह व्यायाम न करने, बंद कमरे में रहने और शुद्ध ऑक्सीजन न मिलने से फेफड़े पूरी तरह सक्रिय नहीं होते। परिणाम रक्त शुद्ध नहीं हो पाता और हृदय रोग Heart Disease – ग्रस्त हो जाता है।

एकाकी जीवन से:- जीवन में यदि मनोरंजन, हंसी-मजाक, खेल-कूद, बागवानी, उत्सव, आदि न हों तो मन-मस्तिष्क शिथिल (रिलेक्स) नहीं हो पाते इससे व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।

अधिक विषय-वासना तथा संभोग में जीना:- बहुत ज्यादा विषय-वासना में लिप्त रहने तथा अधिक संभोग करने से अधिक वीर्य-क्षय होता है। ऐसे में नाड़ी-सूत्र कमजोर हो जाते हैं, पाचन बिगड़ता है, हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, शरीर का नियंत्रण खो जाता है। इससे हृदय रोग हो जाता है।

क्रोध और भय से ज्यादा गुस्सा करने और ज्यादा डरने से:- हृदय पर बहुत दबाव पड़ता है। हृदय-गति तेज हो जाती है, सांस फूल जाती है। ज्यादा डरने से कई बार हृदय की गति रुक जाने का अंदेशा होता है। इसी तरह गुस्सा करने से खाया-पिया अन्न बीस बन जाता है। इससे पाचन बिगड़ता है, उच्च रक्तचाप तथा दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ती हैं।

मधुमेह (Diabetes):- के रोगी को प्यास अधिक लगती है, वह थकावट अनभ करता है, पेशाब की इच्छा जल्दी-जल्दी होती है, घाव जल्दी नहीं भरते, शरीर मोटा ना रक्तचाप तेज हो जाता है। ऐसे रोगियों को दिल का दौरा पड़ने की अधिक आशंका होतो है।

व्यायाम व आसन न करना:- खुली हवा में सैर, व्यायाम इत्यादि करते हैं, तो इससे शरीर का विकार (जो रोगों का कारण बनता है) अपना स्थान छोड़ता है और गंदे खून की नलियों (शिराओं) द्वारा हृदय व फेफड़े में शुद्ध होता है, जो पेशाब के रूप में गुर्दों से होकर त्वचा से पसीने द्वारा या मल द्वारा शरीर से बाहर होता है। इससे शरीर में लचक आती है, मन-मस्तिष्क शान्त होता है।

नाक का पूरी तरह खुला न रहनाः- नाक बंद होने से फेफड़ों को रक्त शुद्धि के लिए आवश्यक ऑक्सीजन नहीं मिलती। रक्त का विकार कार्बन-डाइआक्साइड गैस के रूप में शरीर से बाहर नहीं हो पाता तथा रक्त नलिकाएं बन्द हो जाती हैं, जो हृदय रोग का कारण बनता है।

पानी, फल तथा हरी सब्जियों का कमतर प्रयोग:- रसदार फल व सब्जियों के जूस आदि का कम या नहीं के बराबर व्यवहार करना तथा पानी कम पीने से रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रक्त संचरण में बाधा पड़ती है, पेशाब खुल कर नहीं आतो, शरीर में यूरिया व यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जो हृदय रोग Heart Disease का सशक्त कारण बन जाता है।

हृदय रोग होने के कारण-Heart Disease Causes in Hindi
Heart Disease

संतुलित आहार से:- संतुलित आहार न लेना तला-भुना भोजन अधिक खाना, खाने का कोई निश्चित समय न होना, रात को देर से खाना, चाय-काफी व ठंडे पेयों (cold drinks) का प्रयोग अधिक करना, सिगरेट व शराब पीना। यह सब हृदय रोग Heart Disease के कारण बनते हैं।

तनाव पूर्ण जीवन तथा अव्यवस्थित दिनचर्याः- इससे नाड़ी संस्थान व मस्तिष्क के कार्य में बाधा पड़ती है,पाचन तंत्र खराब हो जाता है, शरीर के अन्दर के अंगों में शिथिलता आ जाती है। इसके अतिरिक्त बीमारी की अवस्था में अत्यधिक दवाएं लेने से भी हृदय रोग Heart Disease के खतरे उत्पन्न हो जाते हैं। याद रखें कि कोई भी बीमारी दवाई से ठीक नहीं होती,शरीर में सामंजस्य की व्यवस्था से ठीक होती है। इसलिए शरीर की व्यवस्था को ठीक रखना बहुत जरूरी है।

पूरी नींद न ले पाने से:- पूरी नींद न ले पाना पूर्ण निद्रा का अभाव और काम की अधिकता से हृदय रोग Heart Disease हो जाता है। रात में गहरी नींद में सोने से शरीर अपने को शिथिल कर स्वस्थ कर लेता है तथा सुबह के समय जागने पर शरीर में नई शक्ति दे कर इसे फिर से काम करने की स्थिति में ले आता है। नींद से शरीर की व्यवस्था ठीक रहती है और हम पूर्ण स्वस्थ रहते हैं।

जीवन में मनोरंजन को स्थान न देनाः- जीवन को दीर्घायु बनाने, निरोग रहने तथा हृदय रोग से बचने के लिए अपनी दिनचर्या में मनोरंजन को स्थान अवश्य दें मनोरंजन से शरीर तनाव-मुक्त होता है तथा शिथिल होकर कुछ ऐसे हार्मोन्स सक्रिय होते हैं, जो शरीर को निरोग एवं स्वस्थ बनाते हैं।