वर्ण किसे कहते हैं(Varn Kise Kahte Hain):-
░Y░o░u░ ░M░a░y░ ░a░l░s░o░░L░i░k░e░
हिंदी मुहावरे और अर्थ और वाक्य, पर्यायवाची शब्द
सर्वनाम किसे कहते हैं?, विलोम शब्द
संज्ञा की परिभाषा, विशेषण शब्द लिस्ट
परिभाषा – ‘वर्ण’ उस मूल ध्वनि को कहते हैं जिसके खंड न हो सके; जैसे- अ, उ, क्, ख् आदि।
‘हरि’ शब्द में मुख्यतः दो ध्वनियाँ सुनाई पड़ती हैं-
१. ‘ह’
२. ‘रि’
यदि सावधानी से विचार किया जाय, तो इनके भी दो दो खंड हो सकते हैं। ‘ह’ में ‘ह’ और ‘अ’ दो ध्वनियाँ हैं। इस प्रकार, ‘री’ में भी ‘र’ और ‘इ’ दो ध्वनियाँ हैं। इन ह, अ. र् और इ ध्वनियों का हम खंड नहीं कर सकते, अतः ये मूल ध्वनियाँ हैं। इन्हें ही वर्ण कहते हैं। वर्ण को अक्षर भी कहते हैं। यानी जो क्षर न हों, अर्थात् जिनका विनाश न हो, वे अक्षर हैं।

वर्णमाला किसे कहते हैं(varnamala kise kahte hai):-
परिभाषा – वर्णों के क्रमबद्ध समूह को ‘वर्णमाला’ (Alphabet) कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में कुल ४६ वर्ण है।
वर्णों के भेद-वर्णों के दो भेद हैं-
१. स्वर वर्ण,
२. व्यंजन वर्ण
स्वर वर्ण किसे कहते हैं(swar varn kise kahate hain):-
परिभाषा – ‘स्वर’ उन वर्णों को कहते हैं, जिनका उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है और जो व्यंजन वर्णों के उच्चारण में सहायक होते हैं।
हिन्दी में १३ स्वर हैं-
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ऋ |
ऋ | ऌ | ए | ऐ | ओ | औ |
कालमान के अनुसार स्वर के मुख्यतः दो प्रकार माने जाते हैं-
१. ह्रस्व
२. दीर्घ।
१. ह्रस्व स्वर उच्चारण के कालमान को मात्रा कहते हैं। जिस स्वर के उच्चारण में एक मात्रा लगती है, उसे ह्रस्व स्वर कहते हैं;
जैसे- अ, इ, उ
२. दीर्घ स्वर – जिस स्वर के उच्चारण में दो मात्राएँ लगती हैं, उसे दीर्घस्वर कहते हैं;
जैसे- -आ, ई, ऊ ।
स्वर कितने होते हैं:-
स्वरों के दो भेद हैं-
१. सजातीय या सवर्ण:- सजातीय या सवर्ण- समान स्थान और प्रयत्न से उत्पन्न होने वाले स्वरों को सजातीय या सवर्ण कहते हैं; जैसे- अ-आ, इ-ई, उ-ऊ आदि जोड़े आपस में सवर्ण या सजातीय वर्ण माने जाते हैं।
२. विजातीय या असवर्ण:- विजातीय या असवर्ण-जिन स्वरों के स्थान और प्रयत्न एक से नहीं होते, वे विजातीय या असवर्ण स्वर कहलाते हैं, जैसे-अ-ई, अ-ऊ, ई-ऊ आदि जोड़े आपस में असवर्ण या विजातीय स्वर माने जाते हैं।
स्वर का उच्चारण:-
स्वरों के उच्चारण कई प्रकार से होते हैं; जैसे- निरनुनासिक, अनुनासिक, सानुस्वार तथा विसर्गयुक्त ।
निरनुनासिक – मुँह से बोले जाने वाले सस्वर वर्णों को निरनुनासिक कहते हैं; जैसे- अभी, आधार, इच्छा आदि ।
अनुनासिक – ऐसे स्वरों का उच्चारण नाक और मुँह से होता है; जैसे आँव, आँचल, उँगली आदि ।
सानुस्वार – जिन स्वरों का उच्चारण दीर्घ होता है और उनकी ध्वनि नाक से निकलती है; जैसे- अंग, मंगल, अंगूर आदि।
विसर्गयुक्त – विसर्ग भी अनुस्वार की तरह स्वर के बाद आता है। इसका उच्चारण ‘ह’ की तरह होता है; जैसे- -प्रायः, अंतःकरण, पयःपान, दुःख आदि ।
मात्राओं का ज्ञान:-
स्वर के खंडित रूपचिह्न को मात्रा कहते हैं; जैसे, आदि। मात्राओं के संकेतचिह्न – विभिन्न स्वरों के व्यंजनों से जुड़ने वाले रूप निम्नांकित है:
आ | ा |
इ | ि |
ई | ी |
उ | ु |
ऊ | ू |
ऋ | ृ |
ऋ | ृ |
ए | ् |
ऐ | ्र |
ओ | ो |
औ | ृ्ौ |
‘अ’ का कोई मात्रा-चिह्न नहीं होता। जब यह किसी व्यंजन से जुड़ता है, तब व्यंजन का हल चिह्न (्) लुप्त हो जाता है;
जैसे उदाहरणस्वरूप:-
क्+अ = क
क् + उ = कु
क् + ओ = को
व्यंजन वर्ण किसे कहते हैं:-
परिभाषा – व्यंजन उन वर्णों को कहते हैं, जिनका उच्चारण स्वर वर्णों की सहायता के बिना नहीं हो सकता। इनकी संख्या ३३ हैं।
व्यंजन वर्ण कितने होते हैं।
व्यंजनों को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है:-
१. स्पर्श
२. अंतःस्थ
३. ऊष्म।
१. स्पर्श – स्पर्श जो व्यंजन कण्ठ, तालु, मूर्द्धा (तालु के ऊपर), दाँत और ओष्ठ के स्पर्श से बोले जाते हैं उन्हें ‘स्पर्श वर्ण’ कहते हैं। इनकी संख्या २५ है। इन्हें वर्गीय व्यंजन भी कहा जाता है, क्योंकि ये पाँच समूहों में बँटे हुए होते हैं। प्रत्येक समूह को पहले वर्ण के आधार पर क्रमशः कवर्ग, चवर्ग, टवर्ग, तवर्ग तथा पवर्ग कहते हैं।
स्पर्श व्यंजन निम्नलिखित हैं:-
‘क’ वर्ग क, ख, ग, घ, ङ -कंठ-स्थान से उच्चारण
‘च’ वर्ग च, छ, ज, झ, ञ तालु-स्थान से उच्चारण
‘ट’ वर्ग -ट, ठ, ड, ढ, ण-मूर्द्धा स्थान से उच्चारण
‘त’ वर्ग-त, थ, द, ध, न दन्त स्थान से उच्चारण
‘प’ वर्ग प, फ, ब, भ, म-ओष्ठ स्थान से उच्चारण
२. अंतःस्थ – य, र, ल, व को ‘अंतःस्थ’ कहते हैं। ये स्वर और व्यंजन के बीच (अंतः) स्थित (स्थ) हैं, इसलिए इन्हें ‘अंतःस्थ’ कहा गया। इनका उच्चारण जीभ, तालु, दाँत और ओष्ठों के परस्पर सटाने से होता है। इन चारों वर्णों को अर्द्धस्वर भी कहा जाता है।
३. ऊष्म – इनका उच्चारण रगड़ या घर्षण से उत्पन्न ऊष्म वायु से होता है, इसीलिए इन्हें ‘ऊष्म’ कहा गया। श, ष, स, ह वर्ण ऊष्म कहे जाते हैं।
संयुक्त वर्ण (क्ष, त्र, ज्ञ):-
कुछ लोगों ने क्ष त्र ज्ञ को भी मूल व्यंजन-ध्वनि मान लिया है। कृ-ष के योग से क्ष, त्-र के योग से त्र और ज्-ञ के योग से ज्ञ का निर्माण हुआ है; अतएव ये संयुक्त ध्वनियाँ हैं, इन्हें मूल ध्वनि मानना गलत है।
तल-बिंदु वाले वर्ण (ड़, ढ़ आदि):-
कुछ हिन्दी शब्दों में ड, ढ, के नीचे और फारसी-अरबी शब्दों में अ, क, ख, ग, ज, फ के नीचे तथा कुछ अँगरेजी शब्दों में ज तथा फ के नीचे बिन्दु (तलबिन्दु) देते हैं।
जैसे:-
ड़ – सड़क
ढ़ – आषाढ़
क़ – क़वायद
ज़ – बाज़ार
Tage:- वर्ण किसे कहते हैं, स्वर्ण वर्ण किसे कहते हैं, स्वर की परिभाषा, स्वर की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए, वर्णमाला कितने होते हैं।
मातृ दिवस पर निबंध 2023 – Best Mother’s Day Essay in Hindi
मातृ दिवस पर निबंध (Mother’s Day Essay in Hindi) Mother’s Day Essay In Hindi: मदर्स डे हर किसी के लिए एक अहम दिन होता है। एक माँ अपने बच्चे की पहली शिक्षक होती है। एक शिक्षक जो एक मित्र की भूमिका भी निभाता है। एक माँ अपने बच्चे के जन्म से लेकर उसके जीवित रहने…
Continue Reading मातृ दिवस पर निबंध 2023 – Best Mother’s Day Essay in Hindi
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2023 – Best Independence Day Essay
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Independence Day Essay in Hindi) 15 अगस्त 1947 भारतीय इतिहास का सबसे शुभ और महत्वपूर्ण दिन था जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत देश को आजादी दिलाने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया था। भारत की स्वतंत्रता के साथ, भारतीयों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के रूप में अपना…
Continue Reading स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2023 – Best Independence Day Essay
26 जनवरी, गणतंत्र दिवस पर निबंध – Republic Day Essay in Hindi
गणतंत्र दिवस पर निबंध – Republic Day Essay 26 जनवरी भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। 26 जनवरी को पूरे देश में बड़े उत्साह और सम्मान के साथ गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का गणतंत्र और संविधान इसी दिन लागू हुआ था। इसीलिए यह दिन हमारे देश…
Continue Reading 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस पर निबंध – Republic Day Essay in Hindi
नारी शिक्षा पर निबंध – Best Nari Shiksha Essay in Hindi 2023
नारी शिक्षा पर निबंध – Nari Shiksha Essay in Hindi प्रस्तावना – हमारा समाज पुरुष प्रधान है। यहां यह माना जाता है कि पुरुष बाहर जाते हैं और अपने परिवार के लिए कमाते हैं। महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे घर पर रहें और परिवार की देखभाल करें। पहले इस व्यवस्था का समाज…
Continue Reading नारी शिक्षा पर निबंध – Best Nari Shiksha Essay in Hindi 2023
Best Circus Essay in Hindi – सर्कस पर निबंध इन हिंदी – 2022
Circus Essay in Hindi – सर्कस पर निबंध इन हिंदी सर्कस भी मनोरंजन का एक साधन है। जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं। सर्कस में तरह-तरह के करतब किए जाते हैं। शेर, हाथी, भालू आदि जंगली जानवरों को सर्कस में प्रशिक्षित किया जाता है और विभिन्न खेल और चश्मे दिखाए जाते हैं। वहीं…
Continue Reading Best Circus Essay in Hindi – सर्कस पर निबंध इन हिंदी – 2022
वर्षा ऋतु पर निबंध – Best Rainy Season Essay in Hindi 2022
वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay in Hindi) साल के मौसम हमारे लिए बहुत सारी खुशियाँ लेकर आते हैं। भारत में मानसून एक बहुत ही महत्वपूर्ण मौसम है। वर्षा ऋतु मुख्य रूप से आषाढ़, श्रवण और वडो के महीनों में होती है। मुझे बरसात का मौसम बहुत पसंद है। यह भारत में चार सत्रों…
Continue Reading वर्षा ऋतु पर निबंध – Best Rainy Season Essay in Hindi 2022
फ़ फ़ास्ट