60+ Best बवासीर का घरेलू उपाय – Bawaseer ka ilaj in Hindi

बवासीर का घरेलू उपाय:-

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बवासीर मुख्यतः दो प्रकार की होती है खूनी बवासीर और बादी बवासीर खुरी बवासीर में मस्से सुखं होते हैं और उनसे खून गिरता है, जबकि बादी बवासीर में मस्सों में खाज, पीड़ा और सूजन बहुत होती है।

बवासीर का घरेलू उपाय - 60+ Best Bawaseer ka ilaj in Hindi,
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Piles

बवासीर के रोगी को तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए, जिससे पेट में कब्ज हो सकता है। हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग करना चाहिए। Piles से बचने का सबसे आसान तरीका यह है कि जब आप शौच के बाद गुदा को साफ करते हैं, तब गुदा में अपनी उंगली डालकर पानी से अच्छी तरह धो लें। यह कभी-कभी बवासीर का कारण बन सकता है। गुदा में डाला गया उंगली का नाखून बिल्कुल भी बड़ा नहीं होना चाहिए, नहीं तो अंदर की कोमल त्वचा पर चोट लगने का खतरा रहता है। यह उपाय शुरू में थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन जल्द ही आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और आप तरोताजा महसूस करेंगे।

इसके घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं:-

कड़वे नीम के पके हुए फलों का गूदा तीन माशे और गुड़ छः माशे दोनों को मिलाकर रोज सात दिन तक प्रयोग करें। बवासीर में निश्चय ही आराम मिलेगा।

जंगली गोभी की तरकारी घी में पकाकर उसमें सेंधा नमक डालें। इस तरकारी को रोटी के साथ आठ दिन खाने से हर तरह की बवासीर नष्ट हो जाती है।

पचास ग्राम बड़ी इलायची तवे पर रखकर जला लें। ठंडी होने पर बारीक पीस लें। रोज सुबह तीन ग्राम चूर्ण पंद्रह दिनों तक ताजे पानी से लें। बवासीर में लाभ होगा।

एक या डेढ़ चम्मच आंवले का चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ लेने पर बवासीर में लाभ पहुंचता है। इससे पेट के अन्य रोगों का भी अंत हो जाता है।

नागकेशर, मिश्री और लोनी थी इन तीनों का समभाग लेकर रोज खाएं। यह खूनी बवासीर का श्रेष्ठ इलाज है। इसे कम-से-कम आठ दिन तक लें। एक बार की खुराक में छः माशे की मात्रा रखें।

बिदारीकन्द और तिलों का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर शहद अथवा दूध के साथ सेवन करें। इससे खूनी बवा-सीर को शर्तिया लाभ पहुंचता है।

करेले अथवा उसके पत्तों के दो तोले रस में एक तोला मिश्री मिला लें। इसे स दिन सबेरे पीने से खूनी बवा-सीर निश्चित रूप से शांत हो जाती है।

प्याज के छोटे छोटे टुकड़े करके धूप में सुखा लें। सूखे टुकड़ों में से एक तोला प्याज लेकर घी में तले। बाद में एक माशा तिल और दो तोले मिश्री उसमें मिलाकर रोज
सुबह खाएं। यह भी बवासीर का शर्तिया इलाज है।

बवासीर में मट्ठा अमृत होता है। लेकिन बिना सेंधा नमक मिलाए इसे नहीं पीना चाहिए। यदि बवासीर के रोगी को अपच हो, तो उसे मट्ठा नियमपूर्वक पीना चाहिए ।

कमल केशर तीन माशे, नागकेशर तीन माशे, शहद तीन माशे, चीनी तीन माझे और मक्खन छ माशे इन सबको मिलाकर रोज खाने से खूनी बवा-सीर नष्ट होती है।

खूनी बवासीर में नींबू को बीच से चीरकर उस पर चार ग्राम कत्या पीसकर बुरक दें और उसे रात में छत पर रख दें। सुबह दोनों टुकड़ों को चूस लें। यह प्रयोग पांच दिन करें। खूनी piles के लिए यह उत्तम घरेलू दवा है।

जीरे को भूनकर उसमें जरूरत के अनुसार मिश्री मिलाकर मुंह में डालकर चूसे तथा बिना भुने जीरे को पानी के साथ पीसकर बवासीर के मस्सों पर लेप करें। इन दोनों उपचारों से Piles की पीड़ा में निश्चित शांति मिलती है।

खूनी piles में गेंदे के हरे पत्ते नौ ग्राम काली मिर्च के पांच दाने और कुंजा मिश्री दस ग्राम लेकर ग्राम पानी में पीसकर मिला लें। दिन में एक बार चार दिन तक इस पानी को पिएं। गरम चीजें न खाएं। खूनी Piles ठीक हो जाएगी।

सुबह-सवेरे रोज बकरी का दूध पीने से Piles का खून गिरना बंद हो जाता है।।

गुड़ के साथ हरड़ खाने से बवासीर का फौरन नाश हो जाता है।

प्रतिदिन दही और मट्ठा पीने से Piles खत्म हो जाती है।

बवासीर में, मक्खन के साथ गिलोय का सत खाना श्रेष्ठ रहता है।

प्याज के रस में घी और चीनी मिलाकर खाने से बवासीर खत्म होती है।

मूली का नियमित सेवन दोनों Piles को ठीक कर देता है।

छोटी पिप्पली का चूर्ण शहद के साथ देने पर बवासीर के रोगी को आराम मिलता है।

पीपल का थोड़ा-सा चूर्ण, मट्ठे में डालकर पीने से बवा-सीर का नाश होता है।

नित्यप्रति गाजर का रस पीने या गाजर चबाकर खाने से Piles खत्म हो जाती है।

आंवला व गुड़ छः छः माशे लेकर पीस लें। उसे मट्ठे के साथ सेवन करने पर खूनी Piles शांत हो जाती है।

कमल का हरा पत्ता पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर खाएं। Piles का खून आना तत्काल बंद हो जाएगा।

नीम के ग्यारह बीज और छः माशे शक्कर मिलाकर रोज जल के साथ फाके। इस दवा से खूनी बवासीर का जरूर नाश होता है।

खूनी बवासीर में तीन ग्राम रसौत का चूर्ण पानी के साथ खिलाएं। दो-तीन खुराक में ही खून आना बंद हो जाता है।

प्रभार के चौड़े पत्ते पीसकर रस निकालें और उसमें पचास ग्राम बूरा मिलाकर प्रातः काल खाली पेट लें। खूनी बवासीर दूर हो जाएगी।

पके केले को बीच में से चीरकर दो टुकड़े कर लें और उस पर कत्या पीसकर, थोड़ा-थोड़ा बुरक दें। इसके बाद केले के उन टुकड़ों को खुली जगह पर आसमान के नीचे रख दें। सुबह होने पर उन टुकड़ों का सेवन करें। एक हफ्ते में कैसी भी बवासीर हो, नष्ट हो जाती है।

पचास ग्राम रीठे तवे पर रखकर कटोरी से ढक दें और तवे के नीचे आग जला दें। एक घंटे में रीठे जल जाएंगे। ठंडा होने पर रीठों को खरल कर लें या सिल पर बारीक पीस लें। इसके बाद सफेद कत्ये का चूर्ण बीस ग्राम और कुश्ता फौलाद तीन ग्राम लेकर उसमें रीठे का बीस ग्राम भरम मिला दें। उसे सुबह-शाम एक-एक ग्राम मक्खन के साथ खाएं। ऊपर से गरम दूध पी लें। दोनों ही प्रकार के बवासीर में दस-पंद्रह दिनों में आराम आ जाएगा। गुड़, गोश्त, शराब, आम एवं अंगूर का परहेज करें।

लौनी धी (दूध का ताजा मक्खन) और काले तिलों (दोनों एक-एक ग्राम) मिलाकर खाने से खूनी बवासीर नष्ट होती है। इसे रोज सबेरे आठ दिन खाएं।

हरसिंगार के फूल तीन ग्राम, काली मिर्च एक ग्राम और पीपल एक ग्राम सभी को पीसकर उसका चूर्ण जलेबी की पचास ग्राम चाशनी में मिला लें। रात को सोते समय पांच-छ दिन तक इसे खाएं। यह खूनी बवासीर का शर्तिया इलाज है, मगर ध्यान रहे कि कब्ज न होने दें।

इमली के बीजों को छिलका हटाकर तवे पर भून पीस लें। एक चम्मच चूर्ण और एक कप ताजा जमा हुआ दही दोनों को मिलाकर प्रातः काल खाली पेट लेने से तीन-चार दिन में ही बवासीर में आराम आ जाता है। नमक, मिर्च, तेल एवं खटाई का अवश्य परहेज करें।

बारीक पिसा लोबान आधा चम्मच लेकर थोड़े-से गुड़ में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। प्रतिदिन सुबह खाली पेट पानी के साथ एक गोली निगल जाएं। तीन चार दिन में ही खूनी तथा बादी बवासीर ठीक हो जाती है। अपच और कब्ज से बचने का प्रयत्न करें।

बवासीर के मस्सों पर लेप करने के लिए निम्नलिखित उपचार अपनाने चाहिए, ताकि शीघ्र ही इस कष्ट से मुक्ति मिल सके:-

नीम और पीपल के पत्तों का लेप करने से Piles के मस्से खत्म हो जाते हैं।

कड़वा घीया और गुड़ को कांजी में पीसकर लेप करें। इससे मस्से नष्ट हो जाते हैं।

नीम और कनेर के पत्तों का लेप मस्सों को खत्म करता है।

हल्दी और कड़वी तोरई का लेप सभी तरह के मस्सों के लिए लाभदायक है। यह मस्सों को नष्ट करता है।

तम्बाकू के पत्ते महीन पीसकर गुदा पर लेप करने से Piles नष्ट हो जाती है।

गौ के घी में कुचला घिसकर लेप करने से, Piles के घाव ठीक हो जाते हैं।

आक और सहिजन के पत्तों का लेप भी मस्सों को नष्ट करता है।

बड़ के पीले पत्ते जलाकर उनकी छः माशे राख सरसों के तेल में मिलाकर लेप करने से Piles के मस्से समाप्त हो जाते हैं।

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