Best 35+ पशुपालन – पूछे जाने वाले प्रश्न एवं समाधान

पशुपालन pashupalan question answer के लिए पूछे जाने वाले संभावित प्रश्न एवं समाधान:-

पशुपालन – पूछे जाने वाले प्रश्न एवं समाधान | pashupalan question answer
पशुपालन-pashupalan
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प्रश्न . गाय के पेट में पांच महीने का बच्चा है और गाय दिनों-दिन दुबलाती जा रही है। निदान बताएँ।

उत्तरः- गाय के पेट में बच्चा होने से गाय के दबलाने का कोई खास स्वय नहीं है। संतुलित आहार की कमी भोजन की निर्धारित मात्रा में कमी. हरा चारा का नहीं मिलना भोजन में खनिज पदार्थ एवम् विटामिन्स की कमी उचित समय पर गाय को नहीं खिलाना इत्यादि के कारण गाय दुबली हो सकती है। इन सब बातों पर ध्यान देने से गाय का स्वास्थ्य सुधर सकता है। साथ ही साथ पशुपालन pashupalan मे पशु चिकित्सक से जांच कराकर उत्तक उचित चिकित्सा होनी चाहिए।

प्रश्न . मेरी गाय पांच महीने पहले पाल खाई, लेकिन कमजोर है। उठने में भी दिक्कत होती है। क्या करें?

उत्तरः गाय को पाल खिलाने से कमजोरी का कोई संबंध नहीं है स्वास्थ्य में किसी तरह की गड़बड़ी होने से वह कमजोर हो सकती है। पहले तो पशु चिकित्सक से उसकी जांच करा लीजिए की किसी कारण से उसके पैर वगैरह में चोट तो नहीं लगी है। चोट लगने पर उसका इलाज कराना जरूरी है। संतुलित एवं पौष्टिक आहार की कमी तथा भोजन की निश्चित मात्रा में कमी के कारण भी गाय कमजोर हो सकती है। उसके लिए उचित आहार की व्यवस्था करनी जरूरी है साथ ही साथ पशुपालन pashupalan मे पशु चिकित्सक से उसकी जांच कराकर उचित दवा देना जरूरी है।

प्रश्न. मेरी जर्सी गाय ने एक बछिया को जन्म दिया है। डॉ. इसका सिंग दगवाने को कहते हैं। इससे क्या फायदा होगा?

उत्तरः सींग दगवाने से फायदा यह है कि बाछी क सींग बढता नहीं है, तथा देखने में वह अच्छी लगती है तथा आज के समय के अनुसार वैसी गाय को विक्रय मूल्य अधिक हो जाता है। दूसरा महत्वपूर्ण फायदा यह है कि उत्ते नियंत्रित करना आसान हो जाता है तथा उसे चोट लगने का डर नहीं रहता है।

प्रश्न . पशुओं में बांझपन के बारे में बताने का कष्ट करें 21 दिन में बार-बार गर्म होती है|

उत्तर: पशुओं में बांझपन के बहुत से कारण हैं जैसे- अनुवांशिक दोष, उनके जनन अंगों की बनावट में गड़बड़ी शारीरिक क्रिया में दोष, आहार संबंधी दोष, जनन अंगों की बीमारियां, हारमोन असंतुलन, देखभाल में कमी इत्यादि। बांझपन स्थायी भी हो सकता है तथा अस्थायी भी। समय पर गर्म नहीं होना, बार-बार गर्म होने होने पर भी पाल नहीं रखना, योनि स्त्राव साफ नहीं होना, ये सभी बांझपन से संबंधित हैं। पशुपालन मे पशु-चिकित्सक से जांच कराकर उचित इलाज करना जरूरी है।

प्रश्न . बछड़े 4 वर्ष की हो गयी है। दो बार पाल भी खिलाया गया, लेकिन वह पाल नहीं रखती है। एक बार सीमेन भी दिलाया गया फिर भी पाल नहीं रखी।

उत्तर: संकर नस्ल की गायों में पाल नहीं रखने की समस्या के बहुत से कारण है। अपने यहां गाय पालन का जो पारंपरिक तरीका है उसमें बाछी पर शुरू से ध्यान नहीं दिया जाता है। बाछी बच्चे के खान-पान पर जन्म के बाद से ध्यान देना चाहिए। जिससे उसका शारीरिक विकास ठीक से हो। बचपन में उसे मां का दूध पूरा मिलना चाहिए।

समय-समय पर उसे कृमिनाशक दवा भी देना चाहिए। जैसे ही वह चारा-दाना खाना शुरू करती है उसे उचित मात्रा में मकई का दर्रा, चोकर, खल्ली, हरा चारा तथा खनिज एवम विटामिन्स का मिश्रण देना चाहिए। उसी तरह दुधारू गाय के खान-पान पर भी ध्यान देना चाहिए। समय पर पाल नहीं दिलाने से भी गाय पाल नहीं रखती है। पशुपालन मे आमतौर पर गाय जब सुबह से गर्म होती है तो उसे उसी दिन शाम में तथा शाम में गर्म होती है, तो दूसरे दिन सुबह में पाल दिलाना अच्छा होता है। कोई गाय बहुत ज्यादा देर तक गर्म रहती है, वैसी गाय को 12 घंटे के बाद फिर पाल दिला देना अच्छा रहता है।

दो से तीन बार पाल दिलाने के बाद भी कोई गाय गाभिन नहीं होती है तो उसे पाल दिलाना ठीक नहीं है बल्कि पशुपालन मे पशु चिकित्सक से उसकी जांच करा लेनी चाहिए। वैसी गाय को भी पहली बार गर्म होने पर पाल नहीं दिलाना चाहिए जिसका योनि स्त्रव गंदा हो या जिस गाय में प्रसव के समय किसी तरह की गड़बड़ी हुई हो। इस तरह की गाय का पहले इलाज करा लेना चाहिए। गाय में पाल देने के बाद जनन अंगों से खून का गिरना कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह गर्म खत्म होने की पहचान है। खून से गाय के स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ता है।

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प्रश्न . गाय को सीमेन दिलाने के बाद भी पतला चूता है। कैसे पता चलेगा कि गर्भ रहा या नहीं?

उत्तर: पशुपालन मे कुछ गायों में पाल दिलाने के बाद भी योनि स्त्राव आता रहता है। इससे चिंतित होने की बात नहीं है अगर योनी स्त्राव फटा हुआ दूध जैसा आता है या बहुत पीला रंग का होता है तब तो इसका इलाज कराना जरूरी है। सामान्य योनी स्त्राव के आने से पाल रखने या नहीं रखने का कोई संबंध नहीं है। पाल दिलाने के दो महीने बाद पशु चिकित्सक से गाभिन जांच करा लेना चाहिए।

प्रश्न . जर्सी गाय बार-बार गर्म होती है। कृपया सुझाव दे ।

उत्तर : जर्सी गाय बार-बार गर्म होती है तो उसका मतलब है कि उसके जनन अंग का प्रजनन क्रिया में कोई दोष है। इसका पता जनन अंगों की जांच करने के बाद ही लगता है। अगर गाय दो से तीन बार पाल दिलाने के बाद भी गाभिन नहीं होती है तो उसका इलाज कराना चाहिए।

प्रश्न . मेरी गाय है जिसको पाल दिलाते हैं पर पाल नहीं रखती है साल भर हो गया है। क्या करें?

उत्तर : गाय अगर बार-बार गर्म होती है तो इसका मतलब है कि उसके जनन अंग या प्रजनन क्रिया में कोई दोष है। इसका पता जनन अंगों की जांच करने के बाद ही लगता है। अगर गाय दो से तीन बार पाल दिलाने के बाद भी गाभिन नहीं होती है तो उसका इलाज कराना चाहिए।

प्रश्न . संकर नस्ल की गाय बार-बार पाल क्यों खाती है? पाल खाने के 7 महीने बाद क्यों गर्म हो जाती है?

उत्तर: पाल दिलाने के दो महीने बाद गाभिन जांच करा लेना चाहिए। क्योंकि कुछ गायें ऐसी होती हैं जो पाल दिलाने के बाद निर्धारित समय पर गर्म भी नहीं होती हैं और गाभिन भी नहीं होती हैं। इसमें किसान को आर्थिक रूप में नुकसान होता है बांझपन संबंधी कोई समस्या गाय के जनन अंगों की जांच के बाद ही पता लगता है।

प्रश्न . गाय में बच्चा देने के पूर्व बच्चादानी बाहर आ जाता है। रोकथाम बताएँ।

उत्तर : गाय में बच्चा देने के पूर्व बच्चेदानी का बाहर आना ठीक नहीं है। इसके कारण बहुत हैं। यद्यपि यह बात भी सही नहीं है। हर बार बच्चा देने के पहले बच्चेदानी बाहर आ जाए।

ऐसी गाय को खनिज एवम विटामिन्स की निर्धारित मात्रा नियमित रूप से प्रतिदिन देना जरूरी है गर्भावस्था के अंतिम महीने में गाय को एक बार में भरपेट खाना नहीं देना चाहिए। अगर दिन भर में दो बार खाना देते हैं तो उसी खाना को तीन बार में देना चाहिए। पशुपालन मे गाय के बैठने की जगह ऐसी होनी चाहिए कि बैठने पर उसका अगला हिस्सा पिछले हिस्से से कुछ नीचा रहे।

अगर बैठने पर बच्चादानी बाहर दिखाई पड़ता है तो उसे खड़ा कर देना चाहिए। अगर बार-बार ऐसा होता है तो पशु चिकित्सक से शीघ्र उसका इलाज कराना चाहिए।

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सूअर की सबसे अच्छी नस्ल

लाभदायक सूअर पालन के लिये मुख्य बातें

गर्भवती गाय भैंस की देखभाल कैसे करें |

प्रश्न . हमारे यहां अधिकतर देशी गाय हैं । गत वर्ष ऐसा हुआ कि इनका गला फूल गया और आगे पैर के छाती के बगल में दर्द होकर कम से कम 50 प्रतिशत गाय मर गयी।

उत्तर : यह लक्षण गलघोंटू बीमारी की है। संभवतः आपकी गाय को गलघोंटू बीमारी हुई होगी । पशुपालन मे इससे बचाव के लिए बरसात के पहले सभी गायों को कम्बाइंड एच.एस. एवम् बी.क्यू. टीका प्रतिवर्ष 3 मिली. चमड़े के नीचे दें।

प्रश्न . गाय के पैर में खुरहा क्यों होता है?

उत्तर : गाय के पैर में खुरहा रोग एक विषाणु के कारण होता है। इससे बचाव के लिए साल में दो बार एफ.एम.डी. टीका 3 मिली. चमड़े के नीचे दें। रोग होने पर कीटाणुनाशक घोल जैसे बीटाडीन या फिनाइल से साफ करें और एंटीसेप्टिक पाउडर जैसे बोरिक-पाउडर का छिड़काव करें यदि पैरों में कीड़े पड़ गये हों तो फिनाइल की गोली एवम् कपूर पीसकर तारपीन तेल में मिलाकर लगा एवम् पट्टी बांध दें।पशुपालन मे यह क्रम कई दिन तक जारी रखें पैर जल्द ठीक हो जाएगा।

प्रश्न .पशुपालन मे पशु को सांप काटने पर क्या करें?

उत्तर: जिस स्थान पर सांप ने काटा हो, तुरंत ही उसके 3-4 इंच ऊपर पतली डोरी कस कर बांध दें। सांप के काटे हुए स्थान पर ब्लेड से छोटा चीरा लगाकर छोड़ दें जिससे धीरे-धीरे खन बहेगा और साथ ही विष भी। ऐसा करने के साथ ही पशु चिकित्सक को तत्काल बुलाएँ।

प्रश्न . पशु को जूं तथा किलनी लगने पर क्या करें?

उत्तर: पशु को पोटाश के पानी से अच्छी तरह नहलाएं। प्रमावित स्थान के बाल काटकर वहां कीटनाशक दवा जैसे डीडीटी/गैमेक्सीन चूर्ण को खड़िया के चूरे या राख में मिलाकर लगाएं कटे बालों को इधर-उधर न फेंके, बल्कि जला दें।

प्रश्न. अफरा या पेट फूलने पर क्या करना चाहिए?

उत्तर: पशु द्वारा अधिक बरसीम.लूसर्न आदि हरे चारे या अनाज खा लेने से गैस बनती है और पेट फूल जाता है। ऐसे में पानी बिल्कुल न पिलाई और पशु को बैठने न दें। 100 ग्राम काला नमक, 30 ग्राम हींग, 100 मिलीलीटर तारपीन का तेल व 500 मिलीलीटर अलसी का तेल मिलाकर पशु को पिलाएं और पशु चिकित्सक से सलाह लें।

पशुपालन – पूछे जाने वाले प्रश्न एवं समाधान
पशुपालन – पूछे जाने वाले प्रश्न एवं समाधान

प्रश्न . पशुपालन मे क्या यूरिया उपचारित भूसा खिलाने पर पशु आहार देने की आवश्यकता नहीं रहती?

उत्तर: यदि पशु दूध में या गामिन नहीं है और उसे भरपूर यूरिया उपचारित भूसा खाने को मिल रहा है या साधारण भूसे के साथ यूरिया-मोलासिस ब्लॉक चाटने को 24 घंटे उपलब्ध है तो पशु आहार की आवश्यकता नहीं रहती, किन्तु गामिन और दूध देने वाले पशुओं को इस पुस्तक के पूर्व में बतायी गयी तालिका के हिसाब से पशु आहार/बाइपास प्रोटीन दिया जाना आवश्यक होगा।

प्रश्न . पशुपालन मे यदि हम पशु को संतुलित पशु आहार खिला रहे हैं तो भी क्या खनिज मिश्रण अलग से देना आवश्यक है?

उत्तर : चूंकि संतुलित पशु आहार में भी खनिज मिश्रण होता है। अतः पशु आहार की उपयुक्त मात्रा के साथ हम खनिज मिश्रण की सुझाई गयी मात्रा को आधा कर सकते हैं।

प्रश्न . क्या एक साथ कई बीमारियों के टीके लगवाये जा सकते हैं?

उत्तर : हां, मनुष्यों में तथा कुत्तों में कई बीमारियों का संयुक्त टीका पहले से लग रहा है। गाय भैंसों के लिए भी गलाघोंटू व लंगड़िया रोगों के संयुक्त टीका हम वर्षों से लगवाते आ रहे हैं। अब गाय व भैंसों के लिए खुरपका-मुंहपका, गलाघोंटू व लंगड़िया का संयुक्त टीका भी उपलब्ध है। साल में एक बार लगवाकर पूरे वर्ष आराम।

प्रश्न . घावों में कीड़े पड़ जाने पर क्या करें?

उत्तर: समय पर इलाज न करवाने पर या घाव पुराना होने पर कभी-कभी उनमें कीड़े पड़ जाते हैं। उसे पोटाश डिटॉल या सेवलॉन के घोल से अच्छी तरह साफ करके थोड़ा तारपीन का तेल लगाना चाहिए। जिससे कीड़े मर जाते हैं। बाद में कोई कीटाणुनाशक मलहम जैसे लोरेक्सीन या सल्फानिलामाईड का चूर्ण डालकर पट्टी बांधनी चाहिए जिससे घाव भर जाए।

प्रश्न . पशु को अगर कुत्ता काट ले तो क्या करना चाहिए?

उत्तर : घाव को तुरंत काफी देर तक नल के पानी की धार में धोना चाहिए। यदि नल न हो तो किसी बर्तन से पानी डालें। नहाने के साबुन को घाव पर लगाकर धीरे-धीरे मलें और फिर धोयें। तत्पश्चात् टिंचर आयोडीन लगवाएं तथा पास के पशु चिकित्सक से आगे के इलाज के लिए सलाह लेl

प्रश्न . मेरी गाय एक महीने पहले बिआई है 10-15 दिनों बाद से पतला दस्त शुरू हो गया एवम् दस्त के साथ 90 प्रतिशत कुट्टी आता है। गोबर में हल्का गंध भी आता है। पेशाब बहुत कम करती है। पूँछ बहुत देर तक उठाए रहती है।

उत्तर :- पतला दस्त गाय को कभी भी हो सकता है। इलाज शुरू कराने के पहले गोबर की जांच करा लेनी चाहिए। अगर पेट में कृमि होगा तो गोबर जांच के आधार पर दवा देना अच्छा रहता है। ऐसे भी पतला दस्त होने पर एक-दो दिन खाने में अनाज (दलहन, तेलहन या मकई इत्यादि) को बंद कर देना चाहिए तथा गेहूं के चोकर की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। पानी खूब पिलाना चाहिए।पशुपालन मे पशु चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है। अपने मन से दवा देने से नुकसान हो सकता है।

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